देश।भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने जब घात लगाकर हमला किया तो 22 गढ़वाल रेजिमेंट के जवान आश्चर्यचकित रह गए, लेकिन उन्होंने तुरंत खुद को संभाला और अपने घायल साथियों को बचाने के लिए 5,100 से अधिक गोलियां चलाई और हमलावरों को कठुआ की पहाड़ियों में भागने को मजबूर कर दिया।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में दो दिन पहले हुए आतंकवादी हमले में पांच सैन्य कर्मी शहीद हो गये थे और पांच अन्य घायल हुए थे। इस हमले के बाद अधिकारियों ने घटनाक्रम को जोड़ना शुरू कर दिया है। घात लगाकर किए गये हमले के बाद दो घंटे से अधिक समय तक लगातार गोलीबारी होती रही।
कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किये गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गये थे। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना अपराह्न लगभग साढ़े तीन बजे हुई थी, जब कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार में बदनोता गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर सेना के वाहन नियमित गश्त पर थे।
भारी गोलीबारी का सामना कर रहे सैनिकों ने कड़ा मुकाबला किया था और आतंकवादियों को उनके हथियार छीनने और अधिक नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए लगातार गोलीबारी की। अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्यों, खून से सने हेलमेट, खोखों और वाहनों की जांच कर रहे हैं, तथा घायल सैनिकों से बात कर रहे हैं ताकि आठ जुलाई को हुई घटना के बारे में समझा जा सके।
एक अधिकारी ने बताया कि माना जा रहा है कि आतंकवादी तीन लोगों के एक समूह में थे और दो अलग-अलग स्थानों पर तैनात थे। उन्होंने वाहनों और सेना के जवानों को निशाना बनाया था। यह हमला जम्मू में एक महीने में हुआ पांचवां हमला है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जबरदस्त शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारतीय सेना के गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने आतंकवादियों पर 5,189 गोलियां चलाई, जिससे उन्हें घटनास्थल से भागने को मजबूर होना पड़ा।’’ घायल जवानों का पठानकोट के सेना अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इनमें राइफलमैन कार्तिक सिंह भी शामिल हैं। आतंकवादियों द्वारा दागे गए ग्रेनेड के छर्रे से उनका दाहिना हाथ कई जगहों पर छिल गया था, लेकिन वे विचलित नहीं हुए और अपने बाएं हाथ से तब तक गोलीबारी करते रहे, जब तक उनका हथियार जाम नहीं हो गया। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सैनिकों ने गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी अटूट बहादुरी और निस्वार्थ समर्पण का परिचय दिया।’’
शहीद होने वाले सैन्यकर्मियों में नायब सूबेदार आनंद सिंह, हवलदार कमल सिंह, नायक विनोद सिंह, राइफलमैन अनुज नेगी और राइफलमैन आदर्श नेगी शामिल थे और ये सभी उत्तराखंड के थे। सैनिकों का नेतृत्व जेसीओ नायब सूबेदार आनंद सिंह ने किया था। जब वे जवाबी हमले कर रहे थे, 22 गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने ‘‘बद्री विशाल की जय’’ का जयकारा लगाया था।
पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े संगठन ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जम्मू क्षेत्र, जो अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है, हाल के महीनों में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों की श्रृंखला से दहल गया है। ये हमले सीमावर्ती जिलों पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी में हुए हैं