मंदिर से वापस निकलते समय क्यों नहीं बजाई जाती है घंटी,जानिए वजह

0

जानिए मंदिर में घंटी बजाने के नियम

मंदिर में घंटी बजाने के नियम। हिंदू धर्म में मंदिर जाने की परंपरा सदियों पुरानी है। मंदिर जाने पर हम कई रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, जिनमें से एक है मंदिर की घंटी बजाना। अक्सर हम मंदिर आते-जाते समय घंटी बजाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार मंदिर से निकलते समय घंटी नहीं बजाई जाती है?
आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि हिंदू धर्म में घंटी का क्या महत्व है और उसे बजाने का सही तरीका क्या है?

मंदिर की घंटी का महत्व
हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि सृष्टि की रचना के समय सबसे पहले घंटी की ही ध्वनि गूंजी थी। यह भी कहा जाता है कि घंटी बजाने से ॐकार मंत्र का उच्चारण होता है। घंटी की जो ध्वनि होती है उसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। अच्छी बात ये है कि इस बात की पुष्टी विज्ञान में भी की गई है। घंटी की ध्वनि से मंदिर की मूर्तियों में चेतना का संचार होता है और भक्ति भाव बढ़ता है। खैर अब आइए जानते हैं कि मंदिर से लौटते समय आखिर क्यों नहीं घंटी बजाई जाती है।

मंदिर से निकलते समय घंटी क्यों नहीं बजाई जाती?
पुराणों के अनुसार, जब हम मंदिर जाते हैं तो हमारे मन में कई तरह के विचार आते हैं, जिनमें कुछ नकारात्मक विचार भी हो सकते हैं। मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाने से ये नकारात्मक विचार नष्ट हो जाते हैं। घंटी, शंख और घंटा की ध्वनि दिव्य होती है, जो हमारे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा और विचारों को दूर करती है। मंदिर की घंटी की पवित्र ध्वनि से शरीर से सारी नकारात्मक ऊर्जा और विचार दूर हो जाते हैं। लेकिन जब हम मंदिर से बाहर निकल रहे होते हैं तो घंटी बजाने से सारी दिव्य ऊर्जा भ्रमित होकर नष्ट हो जाती हैं। यही कारण है कि सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए।

मंदिर में प्रवेश करते समय ही क्यों बजाई जाती है घंटी?
सनातन धर्म में पूजा और आराधना का बहुत महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार मंदिर जाते समय घंटी बजाने से हमारे शरीर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और साथ ही यह आपके लिए सुख-समृद्धि के द्वार खोलती है। एक मान्यता ये भी है कि भगवान को घंटी की ध्वनि बहुत पसंद आती है, इसलिए घंटी बजाकर उन्हें जगाया जाता है। घंटी बजाकर भक्त भगवान से मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मांगते हैं, देवी-देवताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं और फिर उन्हें अपना अभिवादन अर्पित करते हैं। घंटी की ध्वनि से मंदिर और आसपास का वातावरण शुद्ध होता है, क्योंकि इससे शरीर और वातावरण में मौजूद सभी रोग नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मंदिर की घंटी का संबंध केवल परंपरा से नहीं, बल्कि विज्ञान और धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए UP24 समाचार उत्तरदायी नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here