उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान योगी सरकार के मंत्री ने शिवराज सिंह चौहान को अनूठा उपहार भेंट किया
सूर्य प्रताप शाही ने शिवराज सिंह चौहान को आम की पेटी बतौर उपहार दी. आम की इस पेटी को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चर्चाएं हैं.
शिवराज सिंह चौहान के उपहार में दिए गए आम विशेष किस्म के हैं. ये ‘काकोरी’ आम हैं. अभी तक इतिहास में काकोरी कांड में बारे में पढ़ा था, लेकिन अब काकोरी आम भी चर्चा में हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में आम की विशेष किस्म ‘दशहरी आम’ बड़ी तादाद में होती है. दशहरी आम स्वाद में बेजोड़ होता है. लखनऊ के आसपास दशहरी आम प्रचूर मात्रा में पैदा होता है. इस आम की विदेशों में भी खासी मांग है. लखनऊ के आसपास होने वाले दशहरी आम को ‘नवाब’ ब्रांड से बेचा और एक्सपोर्ट किया जाता रहा है. लेकिन कुछ समय पहले योगी सरकार ने आम की इस खास किस्म को देश के अमर शहीदों के ऐतिहासिक स्थल काकोरी से जोड़ दिया. और ‘नवाब ब्रांड’ को बदलकर ‘काकोरी ब्रांड’ नाम दिया गया. ताकि विदेश धरती पर भारतीय आम की खुशबू और स्वाद के साथ-साथ शहीदों की अमरगाथा भी पहुंचे.
उत्तर प्रदेश की राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद ने भी काकोरी आम के प्रमोशन के लिए
पैकिंग के लिए शानदार डब्बे बनवाए.
दशहरी और काकोरी आम की कहानी
बताया जाता है कि दशहरी आम की उत्पत्ति उत्तर प्रदेश में काकोरी के नजदीक एक गांव में हुई थी. काकोरी के इस गांव का नाम दशहरी है. इस गांव में आज से 200 साल पहले किसी किसान ने आम की एक विशेष किस्म का पौधा रोपा था. यह पौधा पेड़ बना और जब इस पर फल आए तो इसका आकार, स्वाद और महक अलग ही प्रकार की थी. जिसने भी इसे चखा, वो वाह..वाह…करता ही रह गया. इस किस्म को आसपास के इलाकों में भी भेजा गया. चूंकि यह किस्म दशहरी गांव में पैदा हुई थी, इसलिए इसका नाम दशहरी आम पड़ गया. दशहरी गांव में 200 साल पहले लगाया गया आम पेड़ आज भी है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. सरकार ने भी इस पेड़ को ऐतिहासिक वृक्ष का दर्जा दिया है